*आभामंडल बतलाता है आपका व्यक्तित्व*
यह तो सभी लोग जानते हैं कि प्रत्येक मनुष्य की अपनी आभा होती है, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि समय – समय पर व्यक्ति की आभा में भी बदलाव आता रहता है। आपने भी कई लोगों को कहा होगा या उनसे सुना होगा कि ‘आज आपका रंग कुछ फीका पड़ गया है’ या फिर ‘आज आप बड़े तरोताजा दिख रहे हैं’ और न जाने क्या-क्या।
वस्तुतः यह रंग का फीका पड़ना या तरोताजा दिखना, व्यक्ति के आभामंडल को परिभाषित करता है। यह आभामंडल हमारे शरीर एवं स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
अगर आपमें भी आभा के रंगों को पहचानने का अनुभव प्राप्त हो जाए, तो आप व्यक्ति के स्वास्थ्य एवं मानसिक अवस्था को तो जान हीं सकते हैं, उनका उपचार भी कर सकते हैं। यहां आभा के रंगों को क्रमवार बताया जा रहा है, और साथ हीं साथ उपचार की विधि भी बतलाई जा रही है –
पीला रंग – यह रंग मनुष्य के सक्रिय मष्तिष्क एवं बुद्धिमत्ता का परिचायक है। गहरा पीला या मटमैला आभामंडल व्यक्ति को गहन चिंतक बनाता है। ऐसे व्यक्ति हर बात का अर्थ निकलने वाले होते हैं, तथा अपने विचारों को दूसरों पर हमेशा थोपने से नहीं चूकते।
उपचार – शनिवार एवं मंगलवार को पीले फल दान करें। सत्संग एवं पूजा-पाठ में हिस्सा लें।
हरा रंग – हरे रंग का आभामंडल जिन व्यक्तियों में पाया जाता है, वे एकांतप्रिय एवं शांतिप्रिय होते हैं। यदि इनमें गहरी छाया पड़ती हो, तो यह व्यक्ति में चरित्र में धोखेबाजी, ईर्ष्या एवं द्वेष का प्रादुर्भाव कर देती है।
उपचार – हफ्ते में एक दिन मौन व्रत रखें। खाने में हरी सब्जियों का प्रयोग करें।
नीला रंग – चमकीला नीला रंग का आभामंडल व्यक्ति के लिए काफी अच्छा माना जाता है, लेकिन इस पर काली छाया या मटमैला छाया व्यक्ति को शंकालु बनाती है।यह व्यक्ति को चिंता, भय, घमंड एवं अति-उत्साह की व्याधि से ग्रसित करती है।
उपचार- वेद, उपनिषद एवं पुराण पढ़ें। सोने से पूर्व शास्त्रीय संगीत सुनें।
काला रंग – ऐसा आभामंडल व्यक्ति के शारीरिक असुंतलन को प्रदर्शित करता है। यह मानसिक अस्वस्थता का परिचायक है। ऐसे लोग नशीले पदार्थ का सेवन भी अत्यधिक करते हैं।
उपचार – व्यायाम नियमित तौर पर करें। नीला वस्त्र धारण करें।